एसपी के कड़े निर्देष के बाद भी कई थाना क्षेत्रों में फल-फूल रहा सट्टा कारोबार अधिकारियों की आंखों में धूल झोंक कई थाना प्रभारियों की शै पर सटोरिये पर्चियों के साथ-साथ मोबाइल पर खिला रहे गुल






फोटो - पर्ची पर सट्टा लिखता सटोरिया ।

शाजापुर। एसपी पंकज श्रीवास्तव ने सटोरियों पर ऐसा षिकंजा कसा कि उनकी दुकान पूरी तरह बंद हो जाए। यहां तक कि उन्होंने हर थाना प्रभारी को सख्त निर्देष दिए हुए हैं कि किसी भी कीमत पर सट्टा या जुुंआ जैसी अवैध गतिविधियां संचालित न होने दी जाए। लेकिन कई थाना प्रभारियों की बंदी की लत ने इनके क्षेत्रों में इक्का

इक्का-मिंडी का खेल बदस्तूर जारी है। पहले सटोरिए पर्चियों पर सट्टा लगाते थे, लेकिन एसपी की सख्ती के बाद यह मोबाइल के माध्यम से बेखौफ और धड़ल्ले से संचालित किया जा रहा है, जिसे कहीं न कहीं पुलिस का भी संरक्षण प्राप्त है।

जिला मुख्यालय की ही बात करें तो यहां भी सटोरिए सक्रिय होकर धड़ल्ले से सट्टा संचालित कर रहे हैं। जो पुलिस वालों को नजर नहीं आ रहा है। एसपी के निर्देष के बाद भी सटोरियों ने पर्ची की परंपरा के साथ-साथ अब मोबाइल को अपने सट्टा कारोबार का माध्यम बना रखा है। जो कभी भी कहीं भी आॅनलाईन सट्टा लगा लेते हैं। ऐसा नहीं कि पुलिस को इसकी जानकारी नहीं है। पर पुलिस वालों की बंधी हुई बंदी का जो मोह है वह सट्टा बंद कराने में अड़चन डाल रहा है। जबकि कई थाना क्षेत्रों में कुछ पुलिसकर्मियो की पनाहगार में बंद हो चुका सट्टा कारोबार फिर से संचालित हो रहा है। जबकि एसपी पंकज श्रीवास्तव ने सटोरियों पर लगाम लगाने और इस अवैध गतिविधि को संचालित न होने देने के सख्त निर्देष दिए हैं, लेकिन कई पुलिसकर्मी अपने अधिकारी के निर्देषों को धता बताते हुए इस अवैध कारोबार को न सिर्फ संचालित करवा रहे हैं बल्कि उन्हें संरक्षण भी दे रखा है।

पुराने सटोरिए अब नए अंदाज में

कहते हैं लत ऐसी चीज है जिसको लग गई उसकी लग गई। सटोरियों का भी यही हाल है। यहां सटोरियों का यह हाल है कि शहर के दो पुराने सटोरिए ऐसे हैं जो आज भी सट्टे की लत से पीड़ित हैं। जो आज भी इस कारोबार को संचालित करते हुए पुरानी काॅपी पर नया कवर लगाकर घूम रहे हैं। ये सटोरिये इन दिनों अधिकारियों के सामने व्हाईट काॅलर वालों के साथ ऐसे पहुंचते हैं जैसे दूध के धुले हों, लेकिन वास्तविकता में इनका काम वही पुराना है। बस अंतर सिर्फ इतना है कि ये लोग पहले पर्चियां रगड़ते थे और अब पर्चियों के साथ-साथ मोबाइल के सहारे सट्टा चला रहे हैं।

कई थाना क्षेत्रों में हो रहा संचालित, फिर भी कर रहे नजरंदाज

जिले के कई थाना क्षेत्र ऐसे हैं जहां सट्टा बेखौफ संचालित हो रहा है। इनमें मक्सी, सलसलाई, उकावता चैकी, गुलाना, अकोदिया सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्र भी शामिल हैं। तो जिला मुख्यालय भी सटोरियों से अछूता नहीं है। यहां भी जाने-माने सटोरिये अपनी सेटिंग से इस काम को अंजाम दे रहे हैं। लेकिन कार्रवाई के नाम पर पुलिस महज खानापूर्ति कर सटोरियों को संरक्षण देने का काम कर रही है।

इनका कहना है....

सट्टा कारोबार संचालित नहीं होने दिया जाएगा। मेरे द्वारा सभी थाना प्रभारियों को सख्त निर्देष दिए हुए हैं कि सट्टा कारोबार को किसी भी हालत में संचालित न होने दिया जाए और सख्त कार्रवाई की जाए।

- पंकज श्रीवास्तव, एसपी- शाजापुर

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