MSP से भी ऊपर उठकर MRP दिलाने वाला कानून है ये - कमल पटेल 

 







Virendra Thakur editor



उज्जैन /अधिकारों से वंचित किसान अपने उत्पाद खुले बाज़ार में बेच सके , अपने उत्पाद का मूल्य निर्धारण कर सके एवं मुख्यधारा से जुड़ सके इस हेतु केंद्र सरकार के द्वारा तीन विधेयकों के माध्यम से क़ानूनी प्रावधान किये गए परन्तु जो राजनैतिक दल कई वर्षों से किसान का शोषण करते आ रहें हैं एवं जिस दल का राष्ट्रिय अध्यक्ष प्रदेश के किसानों का क़र्ज़ दस दिन में माफ करने का झूठ बोलकर भाग जाता है , ऐसे दल का आज इस आंदोलन की आड़ में किसान हितेषी होने का आडम्बर करना दुर्भाग्यपूर्ण है ! ये बात मध्यप्रदेश शासन के कृषि मंत्री कमल पटेल ने उज्जैन में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान कही !


मीडिया प्रभारी सचिन सक्सेना के अनुसार कांग्रेस सहित वामपंथी विचारधारा वाले दल जो इस तथाकथित किसान आंदोलन में शामिल होकर ना सिर्फ भोले भाले किसानों को भ्रमित कर रहे हैं अपितु देश में शांति व्यवस्था को भी आघात पहुंचाना चाहते हैं , इसी के चलते जनजागरण की दृष्टी से भारतीय जनता पार्टी पुरे देश में  100 से अधिक स्थानों पर व्यापक स्तर पर किसान सम्मेलन आयोजित करेगी साथ ही प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर पत्रकार वार्ता आयोजित कर रही है ! इसी तारतम्य में सोमवार को उज्जैन जिले में भी भाजपा कार्यालय पर पत्रकार वार्ता आयोजित की गयी जिसमें प्रमुख रूप से मध्यप्रदेश शासन के कृषि मंत्री कमल पटेल , उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव , सांसद अनिल फिरोजिया , विधायक पारस जैन सहित जिलाध्यक्ष द्वेय विवेक जोशी एवं बहादुर सिंह बोरमुंडला शामिल हुए !


 कमल पटेल ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा देश में प्रत्येक व्यापारी को अपने उत्पाद को मनचाहे बाज़ार में बेचने एवं अपने उत्पाद की कीमत तय करने का अधिकार है परन्तु ये विडम्बना है कि आज़ादी के बाद भी दिन रात पसीना बहाकर देशवासियों का पेट भरने वाला अन्नदाता को इतने वर्षों बाद भी अपने उत्पाद को खुले बाज़ार में बेचने का अधिकार नहीं है और ना ही अपने उत्पाद की कीमत तय करने का अधिकार है आखिर क्यों ? और ऐसे जब इस देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कानून बनाकर किसानों का जीवन स्तर उठाना चाहते हैं तो उसमें भी कांग्रेस सहित कई विपक्षी दल अपनी किसान विरोधी मंशा के चलते किसानों को भृमित करने का कार्य कर रहे हैं ! पटेल ने कहा की कांग्रेस सहित वो विपक्षी दल जो आज पानी पि पि कर इस कानून का विरोध कर रहें हैं वही दल संसद के अंदर और संसद के बाहर बिल की वकालत करते घूम रहे थे आज उनका दोहरा चरित्र समूचे देश के सामने उजागर हुआ है ! आज़ादी के पूर्व और आज़ादी के बाद की सरकारों ने किसानों के लिए ऐसा को कार्य नहीं किया जिसे उल्लेखित किया जा सके परन्तु आज जब किसान हित में कृषि सुधार कानून लागू हुआ है तब कांग्रेस सहित वाम दलों के पेट में उठ रही मरोड़ उनकी किसानों के प्रति सोच और नियत को स्पष्ट उजागर करती है ! 


    कमल पटेल ने पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा की इस बिल के माध्यम से हमारी सरकारें MSP से एक कदम आगे बढ़कर MRP की दिशा में कार्य कर रही  हैं , देश का किसान हमारे साथ खड़ा है देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 1 लाख करोड़ रुपये कृषि क्षेत्र के लिए आवंटित किये है जिसकी सहायता से अब किसान भी उद्योग लगाएगा !अब किसान चना उगायेगा तो वो दाल और बेसन भी बनाएगा अगर किसान सोयाबीन उगायेगा तो वो तेल भी निकालेगा , किसान सिर्फ आलू नहीं उगायेगा अब वो आलू चिप्स बनाकर भी बाज़ार में बेचेगा अर्थात इस देश का अन्नदाता अब सिर्फ MSP के भरोसे खेती नहीं करेगा अपितु एक उद्योगपति बनकर अपने उत्पादों को बाज़ार में अपनी MRP पर बेचेगा !  पटेल ने कहा कि  एक तरफ तो कुछ राजनैतिक दल अपनी राजनैतिक स्वार्थपूर्ति के चलते किसानों को बरगलाने का प्रयास कर रहें हैं वहीँ दूसरी तरफ इस कानून का लाभ किसानो को मिलना भी प्रारम्भ हो गया है , कुछ दिन पूर्व ही होशंगाबाद में एक उद्योगपति द्वारा किसान को झांसा देने का प्रयास इसी कानून के चलते विफल हुआ है ! वास्तविकता तो यह है कि जब भी कोई कार्य देश हित में होता है तो कांग्रेस सहित विपक्षी दल बिना सोचे विचारें उसका विरोध करते हैं फिर वो नागरिकता संसोधन कानून हो , धारा 370 हटाना हो , मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से मुक्ति दिलाने की बात हो , राम मंदिर निर्माण की बात हो या फिर अब कृषि सुधार कानून हो , कांग्रेस हर राष्ट्रिय विषय पर देश का वातावरण ख़राब करने का प्रयास करती है !    

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