सोयाबीन खड़ी फसल का जायजा लेने पहुंचा , शासकीय अमला-
(निलेश परमार )
बड़नगर / भाटपचलाना- कहा जाता है भारतीय कृषि एक सट्टा हैं अर्थात किसानों द्वारा बोई गई फसल यदि अच्छी उपज बनकर खेतों से खलिहान होते हुए घर बाजार ठीक से आ जाये तो किसान चैन की सांस ले सकता है अन्यथा किसान का बेटा कर्ज में जन्म लेता ओर कर्ज में ही मर जाता है वाली कहावत चरितार्थ होती हैं।
प्रकृति की मार किसानों को कर्ज के बोझ तले से बाहर निकलने नहीं दे रही है।
इस वर्ष वर्षा ऋतु ठीक रही तो , सोयाबीन फसल को वाइरस ने दबोच लिया किसान बेचारा हाथ मलते ही खड़ा रह गया ओर सोयाबीन फसल खेतों में ही चौपट हो गई है।
नुकसान का जायजा लेने दिनांक 9 सितंबर को सरकारी अमला पहुंचा गांव मलोड़ा के खेतों में सर्वे दल में ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी जितेंद्र कुमार सोलंकी , पटवारी मनिष गुप्ता, ग्राम पंचायत सचिव भंवर सिंह राठौर, सहायक सचिव लोकेंद्र परिहार, ग्राम कोटवार भेरु लाल मकवाना, ग्राम प्रधान मदनलाल पाटिदार, किसान गण_किशनलाल पाटिदार, भगवती लाल पाटिदार, भंवर लाल परमार मौजूद थे ।