कोरोना संक्रमण ओर अ समय वर्षा ने ,डोल ग्यारस आनंद उत्सव के मजे किये फीके-


 



 


चुन्नीलाल परमार


बड़नगर / प्रतिवर्ष डोल ग्यारस पर शहरों से लगाकर ग्रामीण अंचलों में झूले बैंड बाजो की प्रतिस्पर्धा ओर अखाडो के उत्स्ताद के नेत्रत्व में बडे आनंद उत्सव के साथ निकाले जाते हैं ।


 


जिसमें खाचरौद के झूले / झांकिया प्रसिद्ध होती हैं, जिन्हें खाचरौद ही नहीं उज्जैन जावरा रतलाम उज्जैन महिदपुर नागदा बड़नगर शहर के दर्शक गण आते हैं ओर प्रदर्शित झूलो / झांकियों में से ही ,अनंत चौदस की निकलने वाली अन्य शहरों की झांकियों में सम्मिलित करने के लिए पसंद कर अनुबंधित करते हैं । जो इस वर्ष प्रदर्शित नहीं हो पायी हैं ।


 


बड़नगर शहर में भी ,वर्तमान विधायक मुरली मोरवाल के व्यायाम शाला के पहलवानों का अखाड़ा पहलवानों के करतबों के साथ निकाला जाता है ,किन्तु इस मर्तबा सभी पहलवानों के कसरत करतबों की जोर आजमाईश ओर कोशलता का प्रदर्शन नहीं हो पाया है ।


 


भाटपचलाना, खरसौद कला में नदारद रहा डोल ग्यारस का आनंद उत्सव, गांव मलोड़ा में मंदिरों के प्रांगण में ही झूलो को श्रृंगारीत कर भगवान की पूजा अर्चना वैदिक रीति से पुजारियों ने की इती श्री ।


 


पुलिस थाना भाटपचलाना के थाना प्रभारी एम एस कुशवाह द्वारा,सभी ढोल वादक, डीजे, एवं बैंड बाजो वालों को ,अपने वाद्य यंत्रों को प्रतिबंधित करने का सुझाव दिया था ,जिसका असर चंहू ओर दिखाई दिया है


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