पद का दुरुपयोग कर सरपंच ने गौशाला की निर्माण सामग्री रिश्तेदारों को बेची- जनपद पंचायत सीईओ ने भी धारा 92 के जारी किया नोटिस।


 


निहारिका वाणी का एक ही काम बेईमानों की नींद हराम


खबर वही जो हो सही निहारिका वाणी


अपनी पत्नी के नाम पर सरपंच प्रतिनिधि शासकीय राशि का कर रहा दुरुपयोग


 


शाजापुर।   (गोविंद शर्मा )    प्रदेश  सरकार जहां गायों के लिए गांव-गांव गौशाला निर्माण का कार्य करने में लगी हुई है। वहीं पंचायतों में बैठे भ्रष्ट प्रधान इन्हीं गौशाला के लिए आई राशि को हजम करने से बाज नहीं आ रहे हैँ।


ऐसा ही एक मामला ग्राम पंचायत निपानिया डाबी जनपद पंचायत शाजापुर का सामने आया, जहां सरपंच प्रतिनिधि ने गौशाला निर्माण के लिए आई निर्माण सामग्री को बेच दिया और गौशाला के निर्माण में विलंब हो रहा है। इसी विलंब को लेकर जनपद पंचायत सीईओ ने भी इस सरपंच प्रतिनिधि की इस करतूत को लेकर धारा 92 के तहत नोटिस जारी किया है।


वैसे ग्राम पंचायत का काम सरपंच को करना होता है, लेकिन ग्राम पंचायत निपानिया डाबी की अलग ही कहानी है।


यहां के ग्रामीण गांव की प्रधान श्रीमती कलाबाई गिर को जानते तक नहीं और उनका सारा काम उनके पति चरण सिंह देखते हैं जो अपनी पत्नी के नाम पर गांव में जमकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं। इन्हें भ्रष्टाचार का ऐसा लालच लगा है कि गौमाता के नाम पर आई निर्माण सामग्री को भी इनकी काली नजर लग गई जिसे इन्होंने अपने ही रिश्तेदारों को औने-पौने दाम पर बेच दिया। जबकि पूर्व की प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने गायों की स्थिति में सुधार लाने, उनके भोजन पानी की व्यवस्था करने के लिए गौशाला निर्माण के लिए निर्माण सामग्री के लिए 29 लाख रुपाए की राशि जारी की थी। इस राशि में से गौशाला निर्माण के लिए सीमेंट और सरिया खरीदा गया था। इस राशि से गौशाला का करीब 80 प्रतिशत काम पूर्ण हो चुका है, लेकिन 20 प्रतिशत काम अभी भी बाकी है। लेकिन इस काम में जरूरत से ज्यादा विलंब हो रहा है, क्योंकि अपनी पत्नी की जगह गलत तरीके से प्रधान बन बैठे चरणसिंह ने निर्माण के लिए आई सामग्री को ओने-पौने दाम पर बेचकर अपनी लक्ष्मी दर्शन की लालसा पूरी कर ली है और गौशाला निर्माण के काम को रोक दिया। यही वजह थी कि जनपद पंचायत सीईओ ने भी इन्हें धारा 92 के तहत नोटिस जारी कर दिया है।


सरकार की पहली प्राथमिकता थी गौशाला निर्माण


प्रदेश की पूर्व कमलनाथ सरकार ने अपने वचन-पत्र में गौशाला निर्माण को प्राथमिकता के आधार पर शामिल किया था। ताकि गायों का रखरखाव हो और गौशाला का निर्माण पूर्ण कर वहां गौमाता की सेवा की जाए। इसके लिए पूर्व मुखिया कमलनाथ ने सबसे पहले कर्ज माफी की। उसके बाद गौशाला के लिए राशि जारी कर इसे समय सीमा में पूर्ण किया जाना था। इसके लिए ग्राम पंचायत निपानिया डाबी में भी 29 लाख रुपए की राशि जारी की गई थी, लेकिन यहां शासन की पहली प्राथमिकता को ही ताक पर रख दिया गया।


 


इनका कहना है...


 



 


ग्राम पंचायत निपानिया डाबी के प्रधान द्वारा गौशाला निर्माण के लिए आई निर्माण सामग्री को बेचा गया है, जिसकी सूचना हमें मिली थी। मौके पर जाकर जांच करने पर यह भी पता चला कि गौशाला निर्माण अधूरा है। इसके अलावा भी यहां और भी कई अनियमित्ता देखने को मिली है। इस पर ग्राम पंचायत निपानिया डाबी के प्रधान के विरूद्ध मप्र पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 92 के तहत कार्यवाही के लिए जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को मामला प्रस्तुत किया है। जल्द ही अधिकारियों के निर्देशानुसार ग्राम पंचायत निपानिया डाबी के प्रधान के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।


- मनीष भारद्वाज


, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत-शाजापुर


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