खरसौद खुर्द में, मनाया गया संत कबीर दास जी का 622 प्रकट दिवस -
( चुन्नीलाल परमार )
बड़नगर /(उज्जैन ) कबीर साहेब के जन्मदिन को लेकर कंई किंवदंतियां प्रचलित हैं-
- चौदह सौ पचपन साल गए,चंद्रवार इक ठाठ ठए ।
- जेट सुदी बरसायत को,पूरन मासी प्रकट भए ।।
- घन गरजे दामिनी दमके, बूंदे बरसे झर लाग गए ।
- लहर तालाब में कमल खिले , तहं कबीर भानु प्रकट भए ।।
- तद्नुसार उपर्युक्त पद सद्गुरू कबीर साहेब के जन्म की पुष्टि के लिए सर्वाधिक प्रसिद्ध हैं ।
- इस पदानुसार साहेब का जन्म वि,सं,1455 के ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा सोमवार हैं । किन्तु अनेक विद्वानो का कथन के अनुसार ज्योतिष गणनानूसार वि,सं,1455 ज्येष्ठ पूर्णिमा सोमवार को नहीं पडती है ।
- अपितु वि,सं, 1456 की पूर्णिमा सोमवार को पडती है ।
- कुछ विद्वान चौदह सौ पचपन साल गये का अर्थ कहते हैं कि जब वि,सं,1455 व्यतीत हो गया,तब वि,स,1456 की ज्येष्ठ पूर्णिमा सोमवार के दिन सतगुरु कबीर साहेब का जन्म हुआ है ।
- सनद रहे संत कबीर साहेब का जन्म से लगाकर निर्वाण तक विवादों से घिरा ओर साध्य भी आश्चर्य चकित करने वाला रहा है ।
- बहु संख्यक मान्यतानुसार आज के दिन को सी कबीर साहेब का जन्म दिन माना जाता है । आज संत कबीर दास जी का जन्म दिन कबीर आश्रम खरसौद खुर्द में सोशल डिस्टेन्स का पालन करते हुए मनाया गया, सत गुरु कबीर दास जी की प्रतिमा की आरती की गयी, पश्चात आश्रम महंत तुलसी राम जी की आरती गुरु परंपरा अनुसार आश्रम के अध्यक्ष मोहन लाल राठौर सुनेडा द्वारा कि गयी ।
- इस अवसर पर संस्था के अन्य सदस्य प्रकाश,भगवान सिंह,रामसिंह,शंकरलाल,अनोखी लाल, जीवन, रवि,सुनील एव अन्य माता बहने भी उपस्थित थी ।