बड़नगर के विधायक मुरली मोरवाल ने भी नकारा संदेही कोरोना पाजिटिव रिपोर्ट को-

 



 


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बड़नगर के विधायक मुरली मोरवाल ने हां


(चुन्नीलाल परमार ) 


उज्जैन / बड़नगर / दिन भर से सोशल मीडिया पर चल रही खबर को नकार कर , सबके संदेह की पुष्टि करदी हैं आरडीगार्डी कालेज के लचर प्रबंधन की ।


 मोरवाल ने चुस्ती दुरुस्ती के साथ बड़नगर विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं को संबोधित करते हुए आश्वस्त किया कि,मैं ठीक हूं,मैं ओर मेरा पुत्र दोनों इन्दौर जांच करवाने के लिए कार से आयें हैं,शीघ्र ही स्वास्थ्य लाभ लेकर बड़नगर विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं की सेवा करने के लिए आऊंगा ।


सनद रहे आरडीगार्डी कालेज उज्जैन में,माननीय मोरवाल ओर अन्य लोगों के नमुने कोरोना संक्रमण की जांच करने के लिए लिए थें, । जिसमें विधायक मुरली मोरवाल जी एवं उनके एक पुत्र को कोरोना पाजिटिव का संदेही बताया गया था,। जिससे असंतुष्ट होकर तथा आरडीगार्डी मैडिकल कालेज में चल रही, लापरवाही को देखते हुए ,उक्त प्राप्त रिपोर्ट से असंतुष्टि प्रदर्शित की हैं, तथा उन्होने पिता पुत्र दोनों की पुनः जांच इन्दौर करवाने का संदेश एक विडियो जारी कर दिया है ।


मेडिकल कॉलेज उज्जैन अपनी ला परवाहीयो के कारण मध्यप्रदेश में सुर्खियां बटोर रहा है ओर यदि लापरवाही साबित भी होती हैं तो कंई व्यक्तियों की लाशों का जवाबदार भी कालेज प्रबंधन ही होगा ।


लापरवाही को उजागर तो कोरोना पाजिटिव जो की मेडिकल कॉलेज में ही मृत्यु को प्राप्त उज्जैन नगर निगम के पार्षद मुजफ्फर हुसैन कर गयें हैं ,उन्होंने मृत्यु पूर्व एक विडियो जारी कर लापरवाही को उजागर किया था,किन्तु शासन प्रशासन ने तनिक भी ध्यान नहीं दिया था जबकि पार्षद भाजपा सपोर्टेट थें ।


कलेक्टर शंशाक मिश्र  की लचर प्रशासनिक व्यवस्था को भी नहीं नकार सकते हैं -


कलेक्टर आफिस के एक कर्मचारी ने भी अपने प्राणों की आहुति इस मेडिकल कॉलेज में दी थी, जोकि दिवंगत धर्मेन्द्र जोशी थें,। 


आधि रात को अपने मित्र को फोन लगाकर बताया था कि मुझे(मेडिकल कॉलेज से) यहाँ से निकालो में मर जाऊंगा, यहाँ पर ना आक्सीजन हैं ,ना कोई ओर व्यवस्था, अंततोगत्वा जोशी  ने दिन में दम तोड दिया ।


एक अधिकारी के लिए अपने अधीनस्थ कर्मचारी परिवार के सदस्य समान होते हैं, शायद कलेक्टर शंशाक मिश्र ने जोशी की मृत्यु को गंभीरता से लिया होता ओर परिवार का सदस्य माना होता तो आरडीगार्डी के माथे कंई लोगों की मृत्यु होने का कलंक नहीं लगता ,। अफसोस हैं, कलेक्टर ने कोई सख्त कदम नहीं उठायें,। यदि सबकुछ जानते हुए भी सख्ती नहीं दिखाई तो कोई वजह तो होगी ही !!? राजनीतिक हस्तक्षेप या फिर उनके अधिनस्थो पर एक दायरे से अधिक विश्वास करना रहा होगा ।,हालांकि मिश्र दीर्घ अनुभवी अधिकारी रहे हैं ,आखिर यह चूक क्यूँ हुईं!!!? इस के कारणों खोजना ही होगा ,उन्हें समय की गर्त में दबाना कदापि उचित नहीं होगा ।


कलेक्टर शंशाक मिश्र का स्थानांतरण होने का महत्वपूर्ण कारण,आरडीगार्डी कालेज प्रबंधन पर अंकुश नहीं लगाना, उज्जैन जिलें में मध्यप्रदेश में सबसे अधिक कोरोना मरीजों की मृत्यु दर होना ओर मेडिकल कॉलेज पर विधायकों का विश्वास उठना भी महत्वपूर्ण कारण माना जा रहा है । बड़नगर विधायक मुरली मोरवाल ने आरडीगार्डी कालेज प्रबंधन ओर जांच/चिकित्सा पर संदेह व्यक्त किया है ।


देखना होगा नए कलेक्टर आशीष सिंह अपने दीर्घ अनुभव ओर प्रशासनिक कौशलता का परिचय कैसे देते हैं, कैसे मैडिकल कॉलेज पर लगते जा रहें कलंक को धोते हैं 


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