ना डर वेतन कटने का ना डर हैं निलंबित या सेवा समाप्त होने का ,फिरभी कर रहे हैं सेवा एसी, की देख हर कोई हो जाता है दंग
सेवा एसी, की देख हर कोई हो जाता है दंग
उज्जैन l बड़नगर l सुनी जाती थी कभी कहानियां, दादी दादा, नाना नानी की जुबानी,वही कहानियां दिखाई देती हैं ,किरदार निभाती हर गांव गली चौराहे या गांव शहर के मुख्य गुजरने वाले पथ पर ।
जी हाँ, मैं आपको हालाते बंया कर रहा हूँ कोरोना नामक महामारी ओर उससे बचाने वाले योद्धाओं की, ये योद्धा सरकारी मुलाजिम से लगाकर स्वयं सेवी संस्थाओं से स्वयं सेवी व्यक्ति तक भी मशहूर हो रहें हैं अपनी सेवा भावों से ।
यही नजारा ग्राम पंचायत मलोडा तहसील बड़नगर जिला उज्जैन के युवाओं में दिखाई दिया जा रहा है , लगभग 40 युवाओं की टोली जिसे कोरोना सेवक नाम से जाना जा रहा है, लगभग दो सप्ताह से बिना वेतन पारिश्रमिक या प्रलोभन के हर गली चौराहे पथ पर बतोर चौकसी बरत रहे हैं ताकि कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति गांव में प्रवेश न कर सकें । कंई शासकीय अधिकारी कर्मचारी इस कोरोना से बचने के लिए शासकीय सेवा देने में बच रहे हैं, वहीं इसी गांव के निवासी चुन्नीलाल परमार जो की पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में पंचायत समन्वय अधिकारी हैं ओर इनकी पत्नी श्री मती मंजूला परमार गांव में ही शासकीय विध्यालय में शिक्षिका हैं ने अपने ज्येष्ठ पुत्र निलेष परमार जो की टीवी कलाकार भी हैं, वहीं मंझले पुत्र विपिन परमार दोनों बेटों को कोरोना सेवक बनाकर गांव की सुरक्षा के लिए तैनात किया हुआ है, जो सुबह से लगाकर रात्रि 12 बजे तक अपनी निशुल्क सेवा दे रहे हैं ।
ग्राम पंचायत के सरपंच मदनलाल पाटिदार,सचिव भवंर सिंह राठौर,सहायक सचिव लोकेन्द्र टेलर,उप सरपंच राकेश मकवाना, रवि मकवाना, पूर्व सरपंच के पुत्र नंदकिशोर परमार,वसूली पटेल प्रेम शंकर शर्मा, ग्राम कोटवार भेरू लाल मकवाना जितेन्द्र सिंह ढोडिया,गोकुल,पवन,राहुल,लोकेन्द्र,पारस,मुकेश पाटिदार,ईश्वर गुजरवाडिया आदी का योगदान भी सराहनीय है ।
लेखक चुन्नीलाल परमार✍