रबी उपार्जन केन्द्रों पर सभी भौतिक सुविधाएं किसानों को उपलब्ध कराई जायें –कमिश्नर, ने रबी उपार्जन की तैयारियों की समीक्षा की

 



वीरेंद्र ठाकुर


उज्जैन । उज्जैन संभाग कमिश्नर आनन्द कुमार शर्मा ने बुधवार को रबी उपार्जन से सम्बन्धित की जा रही तैयारियों की समीक्षा की। उल्लेखनीय है कि 25 मार्च से 22 मई तक उपार्जन किया जाना है। रबी उपार्जन के लिये खरीदी केन्द्र बनाये गये हैं। इन खरीदी केन्द्रों में गेहूं, चना, मसूर एवं सरसों की खरीदी पंजीकृत किसानों से की जानी है। उज्जैन संभाग में 428 खरीदी केन्द्र स्वीकृत किये गये हैं। उज्जैन में 123 खरीदी केन्द्र, रतलाम में 44, मंदसौर में 64, नीमच में 31, देवास में 75, शाजापुर में 64 एवं आगर-मालवा में 27 खरीदी केन्द्र संचालक खाद्य विभाग द्वारा स्वीकृत किये गये हैं। कमिश्नर शर्मा ने जिला खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मोहन मारू को निर्देश दिये कि उपार्जन केन्द्रों में अपनी उपज लेकर आने वाले सभी किसानों को उपार्जन केन्द्र पर भौतिक और मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जायें। उपार्जन केन्द्रों में किसानों के लिये शुद्ध पेयजल, छाया, टेन्ट, तिरपाल आदि की व्यवस्था की जाये। कमिश्नर ने निर्देश दिये कि खरीदी केन्द्रों पर सुरक्षा की भी पर्याप्त व्यवस्था रखी जाये। खरीदी केन्द्रों में अग्निशमन यंत्र, रेत, बाल्टियां आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। इसके साथ ही किसानों की ट्रेक्टर ट्रॉली के लिये बेहतरीन पार्किंग व्यवस्था भी बनाया जाये। शर्मा ने निर्देश दिये कि खरीदी केन्द्रों में कैलीवेटेड इलेक्ट्रॉनिक तौलकांटे एवं धर्मकांटा भी अनिवार्य रूप से रहना चाहिये।



कमिश्नर ने निर्देश दिये कि किसानों के लिये सशुल्क चाय की व्यवस्था भी की जाये। बताया गया कि परिवहन व्यवस्था का टेण्डर भोपाल स्तर से निकाला जायेगा। उन्होंने संभाग के सभी कलेक्टर्स को निर्देश दिये कि वे खरीदी केन्द्रों का अनिवार्य रूप से भ्रमण कर लें। उन्होंने कहा कि वे स्वयं खरीदी केन्द्रों का निरीक्षण करेंगे। बैठक में उन्होंने मंडी में एवं खरीदी केन्द्रों में खरीदी से सम्बन्धित नियम एवं जानकारी के फ्लेक्स लगाने के निर्देश दिये और कहा कि बड़ी मंडियों में किसानों को निर्देश देने के लिये माईक की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाये। संभाग की 12 मंडियों में मैकेनाईज्ड ग्रेडिंग हो, इसके लिये उन्होंने एमडी नॉन को उनकी ओर से पत्र लिखने के निर्देश दिये। कमिश्नर ने कहा कि किसी भी स्थिति में अपना उपार्जन लेकर आने वाले किसानों को कोई परेशानी न हो। किसानों की परेशानियों का त्वरित निराकरण कराया जाये।


खरीदी के पश्चात सुव्यवस्थित परिवहन के निर्देश देते हुए कमिश्नर ने कहा कि परिवहन व्यवस्था हेतु एक परिवहन समिति बनाई जाये, जिसमें सभी सम्बन्धित अधिकारीगण को शामिल किया जाये। समिति परिवहन व्यवस्था की सघन मॉनीटरिंग करेगी। जिला खाद्य नागरिक आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि यह प्रयास किया जायेगा कि किसानों को उनकी उपज का भुगतान न्यूनतम सात दिवस में कर दिया जाये। बताया गया कि उपार्जन भण्डारण की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है। गोदामों में जगह जब कम पड़ जायेगी, तभी ओपन कैप स्थापित किये जायेंगे। वर्तमान में नागदा में 15 हजार, नीमच में 18 हजार, शाजापुर में 38 हजार, देवास में 19 हजार, कन्नौद में 14 हजार मैट्रिक टन भण्डारण की क्षमता है। कमिश्नर ने कहा कि यदि पर्याप्त संख्या में गोदाम हैं तो कैप की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।


समीक्षा के दौरान बताया गया कि उपार्जन केन्द्र प्रभारी तौल पर्ची पर हस्ताक्षर कर एक पर्ची कृषक को तथा एक काउंटर पर्ची रिकार्ड में संधारित करेगा। उपार्जन के दौरान एक ट्रक, एक परिवहन चालान, एक स्वीकृति पत्रक, एक डिपॉजिट फार्म, एक डब्ल्यूएचआर जारी करने की प्रक्रिया का पालन किया जायेगा। भण्डारण एवं निस्तारण हेतु प्रत्येक गोदाम केन्द्र पर कम्प्यूटरीकृत इंट्री की व्यवस्था की जायेगी।


बैठक में उपायुक्त राजस्व एसके भण्डारी, संयुक्त आयुक्त विकास डोडियार सहित सभी सम्बन्धित अधिकारीगण मौजूद थे।


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