122 दिव्यांग जोड़े परिणय बन्धन में बंधे, गोल्डन बुक में वर्ल्ड रिकार्ड के रूप में दर्ज हुआ इवेन्ट


वीरेंद्र ठाकुर


उज्जैन । मेघदूत गार्डन में आज 12 मार्च को 122 दिव्यांग जोड़ों का एकसाथ सामूहिक विवाह/निकाह आयोजित किया गया। इतनी बड़ी संख्या में दिव्यांगों का विवाह होने पर गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में इसे विश्व रिकार्ड के रूप में दर्ज किया गया। इसके पूर्व बैतूल में 114 दिव्यांगों का एकसाथ विवाह का रिकार्ड बना था, जो कि वहां पर तत्कालीन कलेक्टर शशांक मिश्र के कार्यकाल में ही बना था। संयोग है कि आज विश्व रिकार्ड को तोड़कर नया रिकार्ड भी कलेक्टर शशांक मिश्र के नेतृत्व में ही बना है। गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड के अधिकारी मनीष बिश्नोई ने आज समारोह में संभागायुक्त आनन्द कुमार शर्मा, आईजी राकेश गुप्ता, डीआईजी मनीष कपूरिया, कलेक्टर शशांक मिश्र एवं पुलिस अधीक्षक सचिन अतुलकर, महापौर श्रीमती मीना जोनवाल तथा जिला पंचायत अध्यक्ष करण कुमारिया को वर्ल्ड रिकार्ड का प्रोवीजनल सर्टिफिकेट सौंपा।



दिव्यांग विवाह समारोह में आज तीन अन्य रिकार्ड भी बने, जिनमें मोस्ट पीपुल पार्टिसिपेटिंग इन हैण्ड सेनिटाईजिंग रिले, लार्जेस्ट गिफ्ट पैक तथा किसी एक व्यक्ति द्वारा 29 कन्याओं का एकसाथ कन्यादान करने के रिकार्ड का प्रमाण-पत्र सेवाधाम के सुधीर भाई गोयल को दिया गया।


दिव्यांग विवाह के आयोजन के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए संभागायुक्त आनन्द कुमार शर्मा ने कहा कि संभाग के विभिन्न अंचलों से आये दिव्यांगों के विवाह से प्रसन्नता है, किन्तु विवाह के बाद इन जोड़ों के रोजगार की व्यवस्था पर भी संभाग के सभी कलेक्टर्स को कार्य करना होगा। उन्होंने औद्योगिक संगठनों, राज्य शासन की स्वरोजगार योजनाओं आदि से दिव्यांगों को जोड़ने का आव्हान किया। संभागायुक्त ने कहा कि दिव्यांग विवाह में आमजन की भागीदारी अत्यधिक है। यहां हर कोई यह समझ रहा है कि यह उसी का कार्य है। इस तरह से सहयोग प्राप्त करने के लिये उन्होंने कलेक्टर शशांक मिश्र को बधाई दी।



कलेक्टर शशांक मिश्र ने इस अवसर पर कहा कि दिव्यांग विवाह एक सामाजिक कार्य है। इस कार्य में जिला प्रशासन के अधिकारी एवं सामाजिक संगठन लगभग डेढ़ माह से लगे हुए थे। उन्होंने दिव्यांग विवाह में सहयोग करने के लिये सभी समाजसेवियों का आभार माना। कलेक्टर ने कहा कि दिव्यांग विवाह के आयोजन में अपर कलेक्टर श्रीमती बिदिशा मुखर्जी की भूमिका भी उल्लेखनीय एवं प्रशंसनीय है। महापौर श्रीमती मीना जोनवाल ने कहा कि सामूहिक विवाह आयोजन निश्चित रूप से पुण्य का कार्य है। इस कार्य में जिला पंचायत के अध्यक्ष करण कुमारिया ने अत्यधिक श्रम किया है। उन्होंने सफल आयोजन के लिये जिला प्रशासन, समाजसेवियों एवं आनन्दकों का आभार माना।


कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार डॉ.वेदप्रताप वैदिक ने सम्बोधित करते हुए कहा कि वे ऐसे विवाह सम्मेलन में जीवन में पहली बार उपस्थित हुए हैं, जहां पर सभी धर्मों के दिव्यांगों का विवाह एक ही मंडप में करवाया जा रहा है। उन्होंने सेवाधाम संस्था को अदभुत संस्था बताते हुए कहा कि ऐसी सेवा सभी को करना चाहिये व इंसानियत के धर्म का पालन करना चाहिये।


कार्यक्रम में सन्त दिग्विजयदास ने कहा कि आज उज्जैन के लिये सौभाग्य की बात है कि इस तरह का आयोजन किया जा रहा है, जहां सभी धर्मों के विवाह एक ही मंडप में हो रहे हैं। शहर काजी श्री खलीकुर्रहमान ने कहा कि दिव्यांग विवाह का आयोजन गंगा-जमनी तहजीब का सबसे अच्छा उदाहरण है। सरदार सुरेन्द्रसिंह अरोरा ने कहा कि महाकाल की नगरी से एकता का यह सन्देश निश्चित रूप से सद्भाव के लिये बड़ा काम करेगा। फादर साहिल ने कहा कि हमारा मकसद लोगों को प्रेम के सूत्र में बांधने का है। उन्होंने विवाह सूत्र में बंधे सभी दिव्यांगजनों को बधाई दी। कार्यक्रम के प्रारम्भ में स्वागत भाषण जिला पंचायत अध्यक्ष करण कुमारिया ने दिया तथा पूर्व विधायक शिवनारायण जागीरदार व केशरसिंह पटेल ने भी सम्बोधित किया। आभार प्रदर्शन अपर कलेक्टर श्रीमती बिदिशा मुखर्जी ने किया। कार्यक्रम में सर्वश्री ओम जैन, पंकज मारू, प्रकाश चित्तौड़ा, अशोक जैन, प्रदीप गुरू, बहादुरसिंह बोरमुंडला, सुधीरभाई गोयल, जिला पंचायत उपाध्यक्ष डॉ.मदनलाल चौहान, संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय सीएल पंथारी मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन मयंक शुक्ला एवं सुदर्शन अयाचित ने किया।


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